NZ Human Rights Commission - Accessible HTML Document

मानवाधिकार संबंधी पूछताछ और शिकायत

Enquiries and Complaints - Hindi translation

भेदभाव और उत्पीड़न

मानवाधिकार आयोग भेदभाव तथा नस्लवादी और यौन-उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक नि:शुल्क, अनौपचारिक पूछताछ व शिकायत सेवा उपलब्ध कराता है।

भेदभाव की घटना तब मानी जाती है जब समान परिस्थितियों के तहत किसी व्यक्ति के साथ अन्य लोगों की तुलना में अन्यायपूर्ण या कम स्वीकारात्मक तरीके से व्यवहार किया जाता है।

अगर आपको ऐसा लगे कि आपके साथ भेदभाव-पूर्ण व्यवहार किया गया है, तो आप इसके बारे में मानवाधिकार आयोग से शिकायत कर सकते हैं। यह आयोग परामर्श और सूचना प्रदान कर, और यदि जरूरी हो तो आपकी शिकायत में मध्यस्थता प्रदान कर के सहायता उपलब्ध करा सकता है।

मानवाधिकार नियम के तहत निम्नलिखित कारणों के आधार पर भेदभाव करना गैर-कानूनी माना जाता है:

ये आधार किसी व्यक्ति के पहले के समय, वर्तमान समय या मान्य परिस्थितियों में लागू होते हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति के साथ वर्तमान में हुए, पहले कभी हुए या किसी अन्य के द्वारा अभिकल्पित मानसिक रोग के आधार पर भेदभाव-पूर्ण व्यवहार करना गैर-कानूनी होता है।

सभी प्रकार के भेदभाव-पूर्ण प्रकरण गैर-कानूनी नहीं होते हैं। मानवाधिकार नियम के तहत इन्हें गैर-कानूनी तब माना जा सकता है, जब वे निम्नलिखित क्षेत्रों में घटित हों:

यौन या नस्लवादी उत्पीड़न

यौन और नस्लवादी उत्पीड़न विशेष प्रकार के भेदभाव होते हैं।

अप्रत्यक्ष भेदभाव

ऐसे किसी भेदभाव को अप्रत्यक्ष भेदभाव कहते हैं जबकि सभी के लिए समान रूप से लागू होने वाले कोई कार्य या नीति के तहत किसी व्यक्ति के प्रति वास्तव में भेदभाव का व्यवहार किया जाए। उदाहरण के लिए, अगर किसी दुकान में प्रवेश करने के लिए बस ऊपर चढ़ने वाली सीढ़ी ही उपलब्ध हो, तो यह व्हीलचेयर का प्रयोग करने वाले किसी व्यक्ति के प्रति अप्रत्यक्ष भेदभाव होगा।

मानवाधिकार की अन्य शिकायतें

अगर आपकी शिकायतें किन्हीं अन्य मानवाधिकार संबंधी मुद्दों के बारे में हो, तो आप मानवाधिकार आयोग से संपर्क कर सकते/ सकती हैं। पूछ-ताछ और शिकायत सेवा आपको परामर्श और सूचना उपलब्ध करा के और अपने मुद्दे का सबसे बेहतर तरीके से समाधान निकालने के बारे में सलाह दे कर आपको सहायता प्रदान कर सकती है।

अन्य एजेंसियाँ

इस नियम के तहत गैर-कानूनी व्यवहार बहुत बार अन्य नियमों के तहत भी गैर-कानूनी होता है। इसका मतलब यह है कि मानवाधिकार आयोग या अन्य किसी संस्थान के पास शिकायत कर के भी मुद्दों का समाधान किया जा सकता है।

आपको शुरु में इसके बीच कोई चुनाव नहीं करना होगा कि आप मानवाधिकार आयोग के पास जाएँ या अन्य किसी संस्थान के पास जाएँ।

कोर्ट और पुलिस

इस नियम के तहत कुछ गैर-कानूनी व्यवहार अपराध भी हो सकता है। उदाहरण के लिए कुछेक प्रकार का यौन-उत्पीड़न यौन-आक्रमण भी हो सकता है। नस्लवादी दंगे भड़काने के कुछ प्रकरण आपराधिक व्यवहार भी हो सकते हैं।

इस नियम के तहत लोग शिकायत कर सकते हैं और पुलिस के पास आपराधिक जुर्म दर्ज करा सकते हैं। इस मुद्दे के बारे में कोर्ट की कार्यवाही भी शुरु की जा सकती है। आपको इन विकल्पों के बीच चुनाव नहीं करना होता है।

बदला निकालना

अगर किसी ने आयोग से शिकायत करने के लिए संपर्क किया हो या किसी दूसरे व्यक्ति को शिकायत करने के लिए सहयोग दिया हो, तो मानवाधिकार आयोग किसी प्रकार का बदला लेने की स्थिति में उस व्यक्ति को संरक्षण भी प्रदान करता है। 。

क्या आप कोई मानवाधिकार शिकायत दर्ज कराना चाहते/ चाहती हैं?

हमें संपर्क करें

पहला कदम हमारे इंफ़ोलाइन दल से संपर्क करना है। बस हमें केवल फोन या ईमेल करें या फैक्स भेजें या फिर हमारी वैबसाइट देखें।

अनौपचारिक मध्यस्थता

यह नि:शुल्क व गोपनीय है और आपको किसी वकील की जरूरत भी नहीं होगी। हमारा कर्मीदल आपकी शिकायत का समाधान करने के लिए आपको जानकारी उपलब्ध कराएगा। यह नियम ये निर्धारित करता है कि क्या मानवाधिकार आयोग आपकी शिकायत स्वीकार कर सकता है। अगर ऐसा लगे कि यह गैर-कानूनी भेदभाव का मुद्दा है, तो आपको हमारे मध्यवर्तक के पास निर्दिष्ट किया जाएगा।

मध्यस्थता

यह नि:शुल्क, गोपनीय और निष्पक्ष है। शिकायत में जो मुद्दे सामने आएँ, उनका निपटारा करने के लिए एक मध्यवर्तक दोनों पक्षों की सहायता करेगा। मध्यस्थता में मानवाधिकार आयोग के बारे में समझाना और संभावित समाधानों पर काम करना शामिल है।

समाधान

अधिकाँश शिकायतों का समाधान अनौपचारिक मध्यस्थता या मध्यवर्तन से किया जाता है। अंतिम समाधान में यह शामिल हो सकते हैं: क्षमा-प्रार्थना, आगे भविष्य में ऐसा काम फिर से न करने का समझौता, शिक्षा या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना, या मुआवजा।

कानूनी कार्यवाही

अगर मध्यस्थता के दौरान भेदभाव के बारे में आपकी शिकायत का निपटारा न किया जा सके, तो आप कानूनी कार्यवाही कर सकते/ सकती हैं। इस स्थिति में मानवाधिकार संबंधी शिकायतों की सुनवाई मानवाधिकार ट्राइब्यूनल के सामने की जाती है। यह एक कोर्ट की तरह है। आप नि:शुल्क कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए आवेदन कर सकते/ सकती हैं।

अस्वीकरण: हमने इस जानकारी को अधिक से अधिक त्रुटिहीन बनाने का प्रयास किया है, पर इसे एक कानूनी सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए।

मानवाधिकार आयोग से संपर्क करें