NZ Human Rights Commission - Accessible HTML Document
मानवाधिकार आयोग क्या ह
What is the Human Rights Commission? Hindi
मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार आयोग का निर्माण न्यू ज़ीलैंड में मानवाधिकारों की बेहतर सुरक्षा के लिए किया गया था। यह एक निष्पक्ष, सुरक्षित और न्यायपरक समाज के लिए कार्यरत है, जहाँ विविधता को महत्व दिया जाए, मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए, और सभी लोग पक्षपात और गैर-कानूनी भेदभाव से स्वतंत्र रह सकें।
मानवाधिकार आयोग के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:- न्यू ज़ीलैंड में मानवाधिकारों के प्रति समर्थन और सम्मान को बढ़ावा देना
- न्यू ज़ीलैंड में व्यक्ति-विशेषों के बीच आपस में और विविध समुदायों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना
- समान रोजगार अवसरों का नेतृत्व, आँकलन, निरीक्षण, और परामर्श प्रदान करना
- सर्वसामान्य को भेदभाव के बारे में जानकारी देना और भेदभाव-संबंधी विवादों के समाधान में सहायता प्रदान करना।
आठ मानवाधिकार आयुक्त हैं; मुख्य आयुक्त , समान रोजगार अवसर आयुक्त (, नस्ल-संबंध आयुक्त (Race Relations Commissioner) और पाँच अर्धकालिक आयुक्त।
मानवाधिकार कार्यवाही निदेशक (Director of Human Rights Proceeding) आयोग के अंदर एक स्वतंत्र मानवाधिकार कार्यवाही कार्यालय (Office of Human Rights Proceedings) का प्रमुख होता है। निदेशक यह निर्णय लेता है कि क्या मानवाधिकार नियम 1993 की अवहेलनाओं की शिकायत करने वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराया जाए या नहीं। कार्यवाहियों की सुनवाई मानवाधिकार पुनरीक्षण ट्राइब्यूनल (Human Rights Review Tribunal)द्वारा की जाती है।
आयुक्तों और निदेशक को स्वतंत्र रूप से कार्य करना होता है और उन्हें ऑकलैंड, वैलिंगटन और क्राइस्टचर्च में कर्मचारीदल द्वारा सहयोग उपलब्ध कराया जाता है।
मानवाधिकार क्या होते हैं?
मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार और स्वतंत्रताएँ होती हैं, जिनके लिए सभी स्त्री-पुरुष पात्र होते हैं। इन्हें 1948 में सँयुक्त राष्ट्र द्वारा अँगीकृत की गई सर्वव्यापी मानवाधिकारघोषणा (Universal Declaration of Human Rights) और अंतर्राष्ट्रीय संधियों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
मानवाधिकार लोगों के आपस में साथ-साथ रहने से
संबंध
रखते हैं। विशेष रूप से ये प्रशासित व्यक्तियों और प्रशासकों के बीच के
संबंध के लिए
आधार प्रदान करते हैं।
मानवाधिकारों के उदाहरणों में नागरिक और राजनैतिक
अधिकार
शामिल हैं, जैसेकि जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, विचार प्रकट करने की
स्वतंत्रता,
कानून के समक्ष समानता, और भेदभाव से मुक्ति का अधिकार। सामाजिक,
साँस्कृतिक और आर्थिक
अधिकारों में सँस्कृति में प्रतिभाग लेने का अधिकार, रोजगार का अधिकार,
जीवन-यापन के
लिए एक पर्याप्त स्तर प्राप्त करने का अधिकार, और शिक्षा प्राप्त करने का
अधिकार शामिल
है।
बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्ति मानवाधिकारों के
लिए
समान रूप से पात्र हैं। मानवाधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य और उत्तरदायित्व
भी आते हैं।
आयोग क्या कार्य करता ह
- मानवाधिकारों का पक्षसमर्थन करता है
- मानवाधिकारों की अवहेलना के प्रकरणों के बारे में जाँच-पड़ताल करता है
- मानवाधिकारों और नस्ल-संबंधों के बारे में सार्वजनिक कथन घोषित करता है
- वैटाँगी संधि के मानवाधिकारों के आयाम की समझ विकसित करने के लिए प्रोत्साहन देता है
- मानवाधिकार कार्यक्रमों, गतिविधियों और शिक्षा का आयोजन करता है
- मार्गदर्शिकाएँ और स्वैच्छिक कार्यप्रणाली-सँहिताएँ प्रकाशित करता है
- मानवाधिकारों के लिए सार्वजनिक प्रतिनिधित्व प्राप्त और आमंत्रित करता है
- कार्यवाहियाँ प्रस्तुत करता है और न्यायालय म मानवाधिकारों केमुद्दों का पक्षसमर्थन करता है
- न्यू ज़ीलैंड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानदण्डों और कानून के अनुपालन के बारे में प्रधान मँत्री को अवगत कराता है
- मानवाधिकारों के लिए राष्ट्रीय कार्यवाही योजना विकसित करता है
- भेदभाव के बारे में पूछ-ताछ और शिकायतों से निपटने के लिए एक सेवा उपलब्ध कराता है
- मानवाधिकार कार्यवाही कार्यालय के माध्यम से
मानवाधिकार
पुनरावलोकन ट्राइब्यूनल में कानूनीप्रतिनिधित्व उपलब्ध कराता है।
मानवाधिकार पूछ-ताछ और शिकायत सेवा
मानवाधिकार आयोग सर्वसामान्य हेतु मानवाधिकारों के बारे में पूछ-ताछ और गैर-कानूनी भेद-भाव के बारे में शिकायतों के लिए एक नि:शुल्क सेवा उपलब्ध कराता है।
आयोग की विवाद-समाधान प्रक्रिया गैर-कानूनी
भेदभाव
के बारे में शिकायतों तक ही सीमित है। परंतु आयोग मानवाधिकार-संबंधी अन्य
मुद्दों को
भी संबोधित करता है। इनमें भेदभाव के अतिरिक्त मानवाधिकारों के अन्य
मुद्दे शामिल हैं,
जैसेकि विकलाँगता, आवास, शिक्षा, बन्दीकरण, रोजगार और नस्ल-संबंधों के
मुद्दे।
अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन
मानवाधिकार आयोग राष्ट्रीय मानवाधिकार सँस्थानों (National
Human Rights Institutions के एशिया-प्रशाँत फ़ोरम (Asia
Pacific Forum) और
राष्ट्रीय मानवाधिकार सँस्थानों की अंतर्राष्ट्रीय समन्वयन समिति
(International
Coordinating Committee) का सदस्य है। इसे ‘A’ स्तर का प्रत्यायन
प्राप्त
है, जोकि मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council) में सम्मिलित होने के
लिए सँयुक्त राष्ट्र की एक पूर्वाश्यकता है। प्रत्येक पाँच सालों में
पुनरावलोकित किए
जाने वाले इस प्रत्यायन के तहत आयोग को सँयुक्त राष्ट्र पेरिस सिद्धाँतों
(United
Nations Paris Principles)द्वारा नियत मानदण्डों का पूर्णत: अनुपालन करना
आवश्यक
है। पेरिस सिद्धाँत राष्ट्रीय मानवाधिकार सँस्थानों के उत्तरदायित्व,
अवस्थिति और कार्यवाहियाँ
नियत करते हैं।
आयोग का केंद्रबिंदु
आयोग ने राष्ट्रव्यापी विचार-विमर्श के बाद 2005 मन्यू ज़ीलैंड मानवाधिकार कार्यकारी योजना (New Zealand Action Plan for Human Rights) प्रकाशित की। इस कार्यकारी योजना के आधार पर आयोग ने छह प्रमुख मानवाधिकार संबंधी मुद्दों और प्रत्येक मुद्दे के लिए एक लक्ष्य की पहचान की है:
मानवाधिकारों का परिवेश
लक्ष्य: न्यू
ज़ीलैंड के कानून में मानवाधिकारों के मानदण्ड सम्मिलित किए जाएँ, इन्हें
नीतिपरक मान्यता
दी जाए और इन्हें कार्यप्रणाली में उपलब्ध कराया जाए।
विकलाँग व्यक्ति
लक्ष्य: विकलाँग व्यक्तियों को वे जैसे हों, उसी रूप में सम्मान दिया जाए और वे न्यू ज़ीलैंड के समाज में पूरी तरह से प्रतिभाग लेने में सक्षम हों।
नस्ल-संबंध
लक्ष्य:
न्यू
ज़ीलैंड के समाज का निर्माण करने वाले विविध समुदायों के बीच के संबंध
सौहार्द्रपूर्ण
हों, और समानता, परस्पर सम्मान और न्यू ज़ीलैंड से संबंध रखने की एक
सँयुक्त अनुभूति
पर आधारित हों।
रोजगार का अधिकार
लक्ष्य:
न्यू
ज़ीलैंड में सभी व्यक्तियों को रोजगार के समान अवसर प्राप्त करने का और
समुचित व उत्पादक
कार्य करने का अधिकार प्राप्त हो।
मानवाधिकार और वैटाँगी संधि
लक्ष्य: राजपद (Crown) और tangata
whenua के बीच का
संधि-संबंध सभी स्तरों पर
tangata whenua के अधिकारों की सुरक्षा और पूरे समाज के एकरूप लाभ के लिए
कार्यक्षम
रूप से क्रियान्वित हो।
अंतर्राष्ट्रीय सँयुक्तता
लक्ष्य: न्यू ज़ीलैंड की सुरक्षा और दीर्घकालिक विकास की सँभावनाएँ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार नियम के लिए राष्ट्रीय और विश्वव्यापी सम्मान से पुष्ट हों।
आयोग स्वयँ मानवाधिकार दृष्टिकोण का प्रयोग करता है और दूसरों को मानवाधिकार दृष्टिकोण का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है:
- प्रत्येक स्तर पर निर्णय-प्रक्रियाओं को प्रासंगोचित मानवाधिकार नियमों और परंपराओं के मानदण्डों के साथ जोड़ना
- सभी प्रासंगोचित मानवाधिकारों की पहचान करना, और जहाँ आवश्यक हो वहाँ सर्वाधिक संवेदनशील व्यक्तियों के अधिकारों को प्राथमिकता देते हुए अन्य अधिकारों का इस प्रकार से ताल-मेल बैठाना जिससे सभी अधिकारों और अधिकार-धारकों के लिए सम्मान को अधिकतम सीमा तक उपलब्ध कराया जा सके
- स्वयँ को प्रभावित करने वाली निर्णय-प्रक्रियाओं में व्यक्ति-विशेषों और समूहों के प्रतिभाग को प्रोत्साहित करना
- अधिकारों के समरूप आनंद और सभी व्यक्तियों के समरूप उत्तरदायित्वों के माध्यम से व्यक्ति-विशेषों और समूहों के बीच परस्पर भेदभाव-रहित व्यवहार को बढ़ावा देना
- अधिकारों को क्रियान्वयन के लिए एक उत्तोलन के रूप में प्रयुक्त कर लाभ उठाने के माध्यम से व्यक्ति-विशेषों और समूहों को सशक्त बनाना और निर्णय-प्रक्रियाओं में उनके मत को वैधानिक सँस्तुति प्रदान कराना
- गतिविधियों और निर्णयों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कराना, जिससे स्वयँ को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले निर्णयों के बारे में व्यक्ति-विशेषों और समूहों को शिकायत करने का सामर्थ्य प्राप्त हो सके।。